बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बीते साल प्रधानमंत्री को घेरने के चक्कर में गुजरातियों पर टिपण्णी कर दी थी. जिसके बाद गुजरात के सामाजिक कार्यकर्ता ने उपमुख्यमंत्री के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था.
तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट में मामले के खिलाफ याचिका दायर कर गुजरात अदालत में पेश होने से छूट मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले पर सुनवाई करते हुए उपमुख्यमंत्री को गुजरात कोर्ट में पेश होने से राहत दी है. कोर्ट ने अहमदाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी है.
मानहानि के आपराधिक मामले में तेजस्वी यादव
अपने पक्ष में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वह एक कानून का पालन करने वाले नागरिक और बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं. आमतौर पर पटना में आधिकारिक पते पर रहते हैं. आवश्यक आधिकारिक प्रतिबद्धताओं के कारण वह अदालत में कार्रवाई के समय पेश नहीं हो पाएंगे. कारण में उन्होंने जनता के लिए कल्याणकारी योजना का हवाला दिया था.
तेजस्वी यादव ने वकील के जरिए अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार की अदालत में उपस्थित होने से छूट की मांग की थी. मानहानि के आपराधिक मामले में डिप्टी सीएम को 22 सितंबर को तलब किया गया था.
दरअसल तेजस्वी यादव ने बजट सत्र के दौरान नीरव मोदी खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि आज देश के हालात में सिर्फ 'गुजराती ठग' हो सकते हैं. उनके ठग को माफ़ भी कर दिया जाएगा.