मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को अपने कैबिनेट के साथ बैठक में 40 एजेंडों पर मोहर लगाई है. लेकिन राज्य में इन 40 एजेंडों की चर्चा एक तरफ़ तो हो ही रही है लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा चर्चा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने पर हो रही है.
दरअसल नीतीश कुमार ने इस बैठक में अपने मंत्रिमंडल से राज्य को विशेष दर्जा दिलवाने पर पूर्ण सहमति बनवा ली है. नीतीश कुमार की इस मांग को पूरी तरह से राजनीतिक मांग बताया जा रहा है. विपक्षी दलों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ चुनाव के समय विशेष राज्य के दर्जे का जाप करते हैं.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस मांग को लेकर उन पर प्रहार किया है. सम्राट चौधरी ने कहा कि करोड़ों का बजट होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काम नहीं करना चाहते हैं. राज्य में ना एयरपोर्ट बनाने के लिए जमीन है ना ही इंडस्ट्री और रोड के लिए जमीन है.
18 साल से राज्य के मुख्यमंत्री रहने पर भी उन्होंने राज्य का उत्थान नहीं किया है. अब इन सब मांगों को बंद कर मुख्यमंत्री को आराम करना चाहिए.
15वे वित्त आयोग आने के बाद देश में किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला है. यह फैसला प्रधानमंत्री के हाथ में है. नीतीश कुमार ने नया विजन बनाया है एक ही सड़क का पांच बार उद्घाटन करते हैं. अब वह गलियों का उद्घाटन करने के लिए तत्पर रहते हैं.