झारखंड में चुनाव से पहले सामने आई विकास की शर्मनाक तस्वीर, कंधे पर बच्चे का शव लेकर गांव पहुंचे लोग

झारखंड के मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र का एक गांव जहां लोगों के चलने के लिए सड़क तक मौजूद नहीं है. यहां लोग सड़क नहीं होने के कारण 5 किलोमीटर तक कच्ची सड़क पर चलने को मजबूर है.

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विकास की शर्मनाक तस्वीर

विकास की शर्मनाक तस्वीर

झारखंड में कल विधानसभा चुनाव है. 38 सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होने वाला है. इन उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार के दौरान बांग्लादेशी घुसपैठ, शिक्षा, रोजगार और विकास जैसे बड़े मुद्दों पर जनता के बीच वोटों की अपील की. विकास राज्य में सबसे दयनीय स्थिति में नजर आता है. डेमोक्रेटिक चरखा की वीडियो रिपोर्ट में हमने आपको झारखंड के कई जिलों से विकास की शर्मनाक तस्वीरें सामने रखी हैं. सरकार के तमाम विकास की जुमलेबाजियां उन तस्वीरों से साफ हो जाती हैं. राज्य में चुनाव से पहले इस विकास के दावों की पोल खोलती हुई एक और तस्वीर सामने आई है.

झारखंड के मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र के गुदड़ी प्रखंड अंतर्गत टोमडेल पंचायत का लौंगाबेड़ा गांव जहां लोगों के चलने के लिए सड़क तक मौजूद नहीं है. यहां गांव के लोग सड़क नहीं होने के कारण 5 किलोमीटर तक कच्ची सड़क पर चलने को मजबूर है. 

इस गांव में सड़क नहीं बनने के कारण ग्रामीणों को वाहन की सुविधा भी नहीं मिल पाती. दरअसल 14 नवंबर को नेल्सन टोपनो के बेटे का शव ग्रामीणों ने कंधे पर ढोकर 3 किलोमीटर तक सफर किया. नेल्सन के 12 साल के बीमार बेटे की मौत इलाज के दौरान जमशेदपुर में हो गई. मगर परिजनों को गांव जाने के लिए गाड़ी नहीं मिली. परिजन अस्पताल से मुख्य सड़क तक शव लेकर आए और वहां से कंधे पर बच्चे के शव को ढोकर 3 किलोमीटर तक कच्चे और पथरीले रास्ते से होकर गांव पहुंचे. 

ग्रामीणों के मुताबिक उनकी इस मजबूरी के ऊपर ध्यान देने वाला कोई नहीं. यहां सड़क नहीं होने से गांव में किसी की बीमार होने पर अस्पताल ले जाने के लिए कंधे या बहंगी के सहारे मुख्य सड़क तक जाना पड़ता है. वहां से निजी वाहन या एंबुलेंस के जरिए मरीज को अस्पताल पहुंचाना पड़ता है. ग्रामीणों ने आगे बताया कि कई बार सड़क नहीं होने के कारण समय से मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पाए और उनकी मौत हो गई है. 

जून 2023 में यहां मुख्य रोड से सड़क निर्माण के लिए शिलान्यास भी हुआ था, लेकिन यह काम जितनी तेजी से शुरू हुआ उतनी ही तेजी से बंद हो गया. गांव तक जाने वाली सड़क में कई जगह पर मिट्टी काट कर भी छोड़ दी गई. बरसात में मिट्टी कटे हुए होने के कारण समस्या बढ़ गई.

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