लालू प्रसाद के काफी ग़रीबी रह चुके श्याम रजक रविवार को जदयू में शामिल होने जा रहे हैं. एक समय रामकृपाल यादव और श्याम रजक दोनों ही राजद से जुड़े हुए थे, जो अब पार्टी से अलग हो चुके हैं. इन दोनों के जाने से राजद को नुकसान होने की आशंका है. हालांकि राजद नेता का मानना है कि इससे पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
1 सितंबर को श्याम रजक जदयू दफ्तर में मिलन समारोह में पार्टी की सदस्यता लेंगे. इस दौरान राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, मंत्री विजय कुमार चौधरी, मंत्री रत्नेश सदा और मंत्री सुनील कुमार मौजूद रहेंगे.
श्याम रजक ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स के जरिए जदयू में जाने की जानकारी दी. उन्होंने लिखा पूर्व मंत्री सह राष्ट्रीय अध्यक्ष एबीडी श्याम राजक जनता दल यूनाइटेड में अपने साथियों सहित 1 सितंबर 2024 को 12:00 बजे जदयू उप कार्यालय वीरचंद पटेल पथ पटना में सदस्यता ग्रहण करेंगे.
बता दें कि 22 अगस्त को ही श्याम रजक ने राजद के महासचिव पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था. तब से ही उनके जदयू में शामिल होने के कयास लगाया जा रहे थे. इसके पहले भी श्याम रजक ने 2010 विधानसभा चुनाव से पहले इस्तीफा देते हुए जदयू का दामन थामा था. जदयू में शामिल होने के बाद नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्री बनाया. लेकिन अगले विधानसभा चुनाव में राजद-जदयू के महागठबंधन में श्याम रजक को मंत्री पद नहीं मिला. 2022 विधानसभा चुनाव में श्याम रजक ने जदयू का साथ छोड़कर राजद का हाथ थामा था.
पटना के फुलवारी इलाके में श्याम रजक का काफी प्रभाव माना जाता है. वह यहां से छह बार विधायक रह चुके हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया था. 2022 विधान परिषद में भी उन्हें टिकट नहीं मिला. इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में भी राजद ने उन्हें मैदान में नहीं उतरा. वह समस्तीपुर या जमुई में से किसी एक सीट पर चुनाव लड़ना चाहते थे. मगर पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार नहीं बनाया. इसके बाद से ही वह राजद से नाराज चल रहे थे.
राजद से इस्तीफा देने के समय उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए दुख जताते हुए लिखा, मुझे शतरंज का शौक नहीं था, इसलिए धोखा खा गया. तुम मोहरे चला रहे थे मैं रिश्ते निभा रहा था.