महागठबंधन में अब नई पार्टी की एंट्री हो गई है. मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी(वीआईपी) ने आज महागठबंधन ज्वाइन कर लिया है.
शुक्रवार को राजद नेता तेजस्वी यादव की मौजूदगी में सहनी ने महागठबंधन ज्वाइन किया. पूर्व डिप्टी सीएम ने सहनी की पार्टी को तीन सीट देने का भी ऐलान किया है. राजद ने वीआईपी(VIP) को गोपालगंज, झंझारपुर और मोतिहारी सीट देने की घोषणा की है. तेजस्वी यादव ने आज के प्रेस कांफ्रेंस में मुकेश सहनी को गठबंधन में शामिल करते हुए कहा कि मुकेश सहनी मेरे बड़े भाई हैं. उन्होंने बहुत मेहनत की है, सहनी ने लोगों की आवाज और उनकी समस्याओं को उठाने की काफी कोशिश की है. जिस तरह से भाजपा ने उनके दल को तोड़ने की घोषणा की उसे सब ने देखा.
2019 में मुकेश सहनी ने तीन सीटों से लड़े थे चुनाव
कहा जा रहा है कि शुक्रवार को मुकेश सहनी ने लालू यादव से जाकर मुलाकात की थी. 2 घंटे की बैठक के बाद राजद सुप्रीमो ने सहनी को तीन सीटों को देने का फैसला किया. मुकेश सहनी को तीन सीट मिलने के बाद अब राजद के पास 23, कांग्रेस के 9, लेफ्ट के पास 5 और वीआईपी के पास 3 सीट है.
2019 के लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन के तरफ से मुकेश सहनी ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें खगड़िया, मुजफ्फरपुर और मधुबनी शामिल थे. लेकिन तीनों ही सीटों पर मुकेश सहनी को हार का सामना करना पड़ा था. पार्टी के अध्यक्ष सहनी खुद खगड़िया की सीट पर कैंडिडेट थे, लेकिन वह भी वहां से हार गए थे.
मुकेश सहनी इस चुनाव में शामिल होने के लिए बीते कई दिनों से मेहनत कर रहे थे. कभी वह एनडीए में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहे थे, तो कभी महागठबंधन का हिस्सा बनने की कोशिश में भी लगे हुए थे. भाजपा में शामिल होने के लिए उन्होंने दिल्ली जाकर आलाकमान से भी मुलाकात की थी, लेकिन वहां बात नहीं बन पाई. इसके बाद आज सुबह वह लालू यादव से मिलने राबड़ी आवास पहुंचे.
बात करें सहनी वोट बैंक की तो बिहार के मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, खगड़िया, उजियारपुर, पूर्वी चंपारण, दरभंगा और सुपौल जैसे जिलों में सहनी वोट बैंक ज्यादा है. जातीय गणना के मुताबिक बिहार में निषादों की आबादी 2.60 है.
भले ही राजाद नेता तेजस्वी यादव ने मुकेश सहनी को आज अपना भाई बताया हो लेकिन वीआईपी और राजद के बीच में अच्छे संबंध नहीं रहे हैं. 2020 में मुकेश सहनी ने राजद पर छुरा घोपनें का आरोप लगाया था. मुकेश सहनी ने राजद दफ्तर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को बीच में ही छोड़ दिया था और वहां से चले गए थे.