चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पीके की पार्टी जन सुराज द्वारा दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है. दरअसल पीके ने बिहार उपचुनाव टालने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने दायर की थी. याचिका में पार्टी की ओर से हवाला दिया गया कि बिहार में छठ पूजा है, जिसे देखते हुए उपचुनाव की तरीकों को आगे बढ़ाया जाए.
जन सुराज की याचिका पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जवल भुईयां की पीठ ने सोमवार को सुनवाई की. पीठ ने निर्धारित उपचुनाव में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया और कहा कि बहुत देरी हो चुकी है. शीर्ष अदालत ने इसे नीतिगत मुद्दा बताते हुए कहा कि अदालतों को ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. बिहार उपचुनाव के लिए सभी व्यवस्थाएं हो चुकी हैं. पीठ ने आगे टिप्पणी करते हुए कहा कि अन्य राजनीतिक दलों को इससे कोई समस्या नहीं, केवल आपको समस्या है. आप एक नई राजनीतिक दल है, आपको इन जिग जैग को जानने की जरूरत है.
पीके की पार्टी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल में चुनाव की तारीख धार्मिक आयोजनों के आधार पर चुनाव आयोग ने आगे बढ़ाई, जबकि बिहार उपचुनाव में छठ पूजा त्यौहार के बावजूद ऐसा नहीं किया गया. याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बिहार में छठ पूजा जितना महत्वपूर्ण कोई अन्य त्यौहार नहीं है.
पीके की पार्टी ने उपचुनाव की तारीख को 13 से बढ़ाकर 20 नवंबर करने की मांग रखी थी.
बिहार विधानसभा की चार सीट तरारी, रामगढ़, इमामगंज और बेलागंज में 13 नवंबर को एक चरण में उपचुनाव होंगे. इन चुनाव के लिए आज यानि सोमवार को प्रचार-प्रसार थम गया है.