बिहार में बाढ़ से 16 जिलों के लोग पीड़ित है. बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा पर राज्य में खूब राजनीति हो रही है. सत्ता पक्ष लगातार नेता प्रतिपक्ष के विदेश यात्रा और बिहार बाढ़ को जोड़कर सवाल उठा रहा है. तेजस्वी यादव की विदेश यात्रा पर सत्ता पक्ष ने नॉन सीरियस टाइप पॉलिटिक्स करने का आरोप लगाया. कहा गया कि बिहार के लोग बाढ़ से जूझ रहे हैं और राजद के युवराज विदेश दौरे पर है, उन्हें जनता की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है. अपने ऊपर लगातार उठ रहे इन सवालों का तेजस्वी यादव ने आज जवाब दिया है.
राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स के जरिए बिहार की बाढ़ में यूपीए सरकार और लालू यादव के काम को गिनाया. 2008 में आई बाढ़ को लेकर तेजस्वी यादव ने लिखा है कि तब केंद्र में यूपीए की सरकार थी. उस समय लालू यादव जी के आग्रह पर प्रधानमंत्री सरदार मोहन सिंह और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी बिहार के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में सर्वेक्षण पर आए थे.
लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में मदद पहुंचाने के कई उदाहरण को भी तेजस्वी यादव ने गिनाया. नेता प्रतिपक्ष ने लिखा के लालू जी ने अपने दौर में केंद्र, रेलवे, रेलवे कर्मचारियों, आईआरसीटीसी इत्यादि से बिहार बाढ़ के लिए सहायता राशि की व्यवस्था की थी. उन्होंने केबीसी में जीती 1 करोड़ रुपए की धनराशि भी बाढ़ राहत के लिए दी थी.
मुख्यमंत्री जी, क्या आपको 𝟐𝟎𝟎𝟖 याद है?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 2, 2024
प्रधानमंत्री जी, क्या आपको ज्ञात है कि बिहार भारत में है?
𝟐𝟎𝟎𝟖 में बिहार में आई बाढ़ को याद कीजिए। तब केंद्र में 𝐔𝐏𝐀 की सरकार थी। कांग्रेस के बाद केंद्र में दूसरी सबसे बड़ी और शक्तिशाली पार्टी राजद और उनके नेता केंद्रीय रेल… pic.twitter.com/odIwpIMJ5L
तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश से यह पूछ लिया कि वह पीएम मोदी से मिलने में हिचक क्यों रहे है. प्रधानमंत्री को बिहार नजर नहीं आ रहा है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने पर सहायता राशि की मांग को लेकर पीएम से क्यों नहीं मिलते हैं. जबकि बिहार के लाखों लोग एवं आधे से अधिक जिले बाढ़ से प्रभावित है.
तेजस्वी यादव के इस पोस्ट पर और सियासत गरमा गई है. भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव अगर भारत की सरजमीं से पोस्ट करते तो समझ आता. विदेश में रहकर पोस्ट करने का क्या फायदा है. जिस पोस्ट में वह मनमोहन जी की चर्चा कर रहे हैं उन्हें यह जान लेना चाहिए कि 2004 में उनकी ही माताजी मुख्यमंत्री थी, तब बिहार में बहुत बड़ा बाढ़ राहत घोटाला भी हुआ था. आप यही चाहते हैं कि बिहार में बाढ़ आए और घोटाले होते रहे. विदेश में रहकर बिहार के बाढ़ पर बयान मत दीजिए.