झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन है. सदन की कार्यवाही सुबह शुरू होते ही हंगामा शुरू हुआ. हंगामें के बीच सदन को स्थगित किया गया और फिर से शुरू किया गया. लेकिन विपक्ष के हंगामें के बाद इसे दोबारा स्थगित करना पड़ा. 12:30 बजे सदन की कार्रवाई दोबारा शुरू हुई थी, जो करीब आधे घंटे चली. इसके बाद दोपहर 2:00 बजे तक के लिए सदन को स्थगित किया गया है.
मंगलवार को विपक्ष ने रोजगार, बांग्लादेशी घुसपैठ, बदलते डेमोग्राफिक जैसे मुद्दे पर सदन में नारेबाजी की. विपक्ष ने आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, सहायक पुलिसकर्मी और होमगार्ड को परमानेंट करने के लिए विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया. आज के हंगामें में सत्ता पक्ष में भी जमकर नारेबाजी की और वेल में घुसकर हंगामा किया. इसके बाद स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने विधानसभा की कार्रवाई को स्थगित किया था. आज चक्रधरपुर रेल हादसे का भी मामला विधानसभा में उठा. सत्ता पक्ष की ओर से झारखंड ट्रेन एक्सीडेंट को लेकर पीएम के इस्तीफे की मांग हुई. रेल हादसे के लिए पीएम को कांग्रेस ने दोषी ठहराया. पडयाहट विधायक प्रदीप यादव ने रेल हादसे का मुद्दा उठाया, उन्होंने कहा कि देश में लगातार हो रहे रेल हादसे पूरी तरह से भारत सरकार की असफलता है.
मालूम हो कि सदन में सोमवार को ही 4833.39 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया गया था. इस अनुपूरक बजट पर आज चर्चा भी होनी है, लेकिन अब तक हंगामा के कारण इस पर चर्चा शुरू नहीं हो पाई है. अब तक की कार्रवाई में स्कूलों में किताब वितरण का मामला उठा. जिस पर विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि अब तक राज्य के स्कूल में किताबें नहीं पहुंच पाई हैं. इसपर जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री वैद्यनाथ राम ने कहा कि आचार संहिता की वजह से यह पूरा नहीं हो पाया है. अगले एक हफ्ते में इस टारगेट को पूरा कर लिया जाएगा.
विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह आज हंगामा देखने मिला. विपक्ष डेमोग्राफिक बदलाव, आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर विधानसभा की सीढ़िया पर प्रदर्शन करता नजर आया.