बिहार में पहली बार किसी यूनिवर्सिटी ने छात्राओं को पीरियड लीव देने की मंजूरी दी है. चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी पटना ने कार्यकारी परिषद की बैठक में पीरियड लीव पॉलिसी को मंजूरी दी. इस पॉलिसी के तहत छात्राओं, महिला फैकल्टी और अन्य महिला स्टाफ को हर महीने दो दिन की छुट्टी मिलेगी. यह फैसला महिलाओं की विशेष आवश्यकताओं और उनके सामने आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
एनएलयू के कुलपति प्रोफेसर फैजान मुस्तफा ने इस पहल की तारीफ की. उन्होंने कहा कि छात्राओं को अकादमिक तनाव से मुक्त करना आवश्यक है. भारी भरकम कोर्स और तनाव के कारण होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है.
बैठक में एनएलएयू ने साइबर सुरक्षा और डिजिटल फ़ॉरेंसिक क्षेत्र में नए पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी है. इसके तहत पुलिसकर्मियों के लिए फोरेंसिक प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत होगी. नए पाठ्यक्रम में 50% अधिक अनुसंधान घटक होंगे, विदेशी डिग्री प्राप्त उम्मीदवारों को फैकल्टी में प्राथमिकता दी जाएगी.
कार्यकारी परिषद ने यूनिवर्सिटी के बुनियादी ढांचे में हुए सुधार पर संतोष जताया और हाल ही में इसके शिक्षण अधिगम कार्यक्रमों में हुए बदलावों का भी स्वागत किया. बैठक में पूर्व शिक्षा मंत्री पी के शाही, बिहार सरकार शिक्षा विभाग सचिव बैद्यनाथ राम, विधि सचिव अंजनी कुमार सिंह, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर मनोज सिन्हा, बीएचयू के प्रोफेसर डॉक्टर अली मेहंदी, वरिष्ठ अधिवक्ता रमाकांत शर्मा और अध्यक्ष बिहार राज्य बार काउंसिल भी मौजूद रहें.