शुक्रवार को बिहार में इस्तीफा देने का दिन रहा. कल राज्य के तीन विधायकों ने अपनी कुर्सी छोड़ दी. बिहार के तीन विधायकों ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अपने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इन इस्तीफे के सिलसिले में सबसे पहले पूर्व सीएम जीतनराम मांझी का नाम है. जीतनराम मांझी इमामगंज से विधायक थे और अब वह गया के संसद सह केंद्र मंत्री भी बने हैं. जिसकी वजह से उन्होंने अपने पद को छोड़ दिया है. मांझी के बाद रामगढ़ विधायक सुधाकर सिंह ने बक्सर सांसद से इस्तीफा दिया है. इनके अलावा सुदामा प्रसाद तरारी से विधायक थे, जो आरा से सांसद चुने गए हैं. शुक्रवार को इन सभी ने अपना इस्तीफा पत्र विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा है.
सभापति की कुर्सी खाली
बक्सर के पूर्व सांसद सुधाकर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए स्पीकर नंदकिशोर यादव को पत्र दिया. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर उन्होंने पोस्ट शेयर कर इसकी जानकारी भी साझा की. जिसमें उन्होंने कहा कि अब मुझे रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के साथ पूरे बक्सर लोकसभा में काम करना है. अब मैं नए दायित्वों की ओर कदम बढ़ा रहा हूं.
इन सभी के अलावा बिहार विधान परिषद के सभापति(Legislative Council Chairman Resigns) ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने भी शुक्रवार को ही अपने पद से इस्तीफा दिया. वह 25 अगस्त 2022 को बिहार विधानसभा के सभापति चुने गए थे. 2024 में लोकसभा चुनाव में सीतामढ़ी से सांसद निर्वाचित होने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. ठाकुर के इस्तीफ़े के बाद अब सभापति की कुर्सी खाली हो गई है, जिस पर कौन बैठेगा इसकी चर्चा तेज हो रही है. हालांकि इतना जरूर है कि जदयू कोटे से ही कोई सभापति की जिम्मेदारी निभाएगा.