बिहार में जारी जमीन सर्वेक्षण की डेडलाइन एक बार और बढ़ गई है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विभाग ने राज्यभर में भूमि सर्वेक्षण और बंदोबस्त को पूरा करने के लिए जुलाई 2025 की तय सीमा को एक और साल के लिए बढ़ाने का फैसला लिया है. अब यह काम जुलाई 2026 में पूरा हो जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि यह फैसला लोगों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े और काम में पारदर्शिता हो, इसके तहत लिया गया है.
अपर मुख्य सचिव ने आगे कहा कि इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य वास्तविक लोगों को भूमि का डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध कराना है, ताकि भूमि संबंधी विवादों को हमेशा के लिए खत्म किया जा सके.
दीपक कुमार सिंह ने कहा कि भूमि विवाद के कारण जो अपराध होते थे वह पहले के मुकाबले कम हुए हैं. राज्य के कुल 38 जिलों में से 20 जिलों (5657 गांव को कवर करते हुए) में भूमि सर्वेक्षण लगभग अपने अंतिम चरण में है. शेष 18 जिलों (जिसमें 37,384 गांव शामिल होंगे) में प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी. पहले राज्य में 60% से अधिक अपराध भूमि संबंधी विवादों के कारण होते थे, जो अब घटकर 46.69% रह गए हैं.
बता दें कि 20 अगस्त 2024 को बिहार के 45 हजार राजस्व गांव में भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू हुई थी. इस दौरान जमीन मालिकों को जमीन कागजात निकालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इसके अलावा जमीन सर्वे के दौरान कर्मियों को भी कई परेशानियों से गुजरना पड़ा. सर्वेक्षण पूरा करने का लक्ष्य जुलाई 2025 था, मगर अब यह अक्टूबर-नवंबर 2025 में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव के बाद पूरा होगा.