राजधानी रांची में आज मुख्यमंत्री मईयां सम्मान योजना का बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया है. रांची के नामकुम में स्थित खोजाटोली के ट्रेनिंग ग्राउंड में सीएम हेमंत सोरेन पांच जिलों के महिलाओं को मईयां सम्मान योजना का लाभ देंगे. ट्रेनिंग ग्राउंड में रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा की तीन लाख महिला लाभुको को 1-1 हजार रुपए योजना के तहत दिए जाएंगे. जिसे लेकर राजधानी में ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव किया गया है. शहर में कई रूटों पर आज वाहनों को प्रवेश नहीं मिलेगा. इसके साथ ही रांची के कई प्राइवेट स्कूल भी आज बंद किए गए हैं.
दरअसल सरकारी कार्यक्रम में महिला लाभुको को पहुंचाने के लिए प्राइवेट स्कूलों से बस लिए गए हैं. जिला प्रशासन ने स्कूलों के प्रिंसिपल और बस मालिकों को अपने बसों को जिला परिवहन कार्यालय में जमा करने के लिए आदेश दिया था. सीएम हेमंत सोरेन के इस भव्य कार्यक्रम के कारण आज लाखों बच्चों की शिक्षा बाधित होने जा रही है. मगर सरकारी कार्यक्रम के ऊपर शिक्षा का उतना महत्व नहीं है, यह इस कार्यक्रम से साफ झलक रहा है. आज जिले के बड़े स्कूल सेंट जेवियर, सेंट थॉमस, बिशप स्कोट समेत कई स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है.
कार्यक्रम के लिए 31 अगस्त को रांची परिवहन पदाधिकारी की तरफ से निजी स्कूल के प्रिंसिपल और निजी बस संचालकों को पत्र भेजा गया था. जिसके अनुसार 4 सितंबर को मुख्यमंत्री मईयां सम्मान योजना के लाभुको को रांची जिला के अलग-अलग प्रखंडों से कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाने के लिए 2000 बसों की जरूरत है.
आज के कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए ट्रेनिंग ग्राउंड में 2000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती हुई है. इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत राज्य सरकार पात्र महिलाओं को 12 हजार रुपए की राशि सालाना बैंक अकाउंट में भेजेगी. नामकुम के ग्राउंड में दोपहर 1:00 बजे से 3:00 के बीच कार्यक्रम आयोजित है. कार्यक्रम स्थल के मार्ग में कार्यक्रम में भाग लेने वाले वाहनों को छोड़कर सुबह 8:00 बजे से रात 8:00 तक बाकी सभी वाहनों के प्रवेश पर निषेध रहेगा. ओल्ड हाईकोर्ट गेट, घाघरा रोड, सदाबहार चौक की ओर सभी तरह के माल वाहकों और बसों पर भी पाबंदी लगाई गई है. नामकुम चौक से सदाबहार चौक से खरसीदाग की ओर वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी है .एयरपोर्ट रोड से कुटियातू चौक की ओर जाने वाले भी सभी वाहनों को रोका जाएगा.
बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 18 अगस्त 2024 को पाकुड़ जिले से इस योजना की शुरुआत की थी. जिसका लक्ष्य महिलाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए वित्तीय सहायता देना है.