सोमवार को देशभर में जहां बकरीद का त्यौहार मनाया जा रहा था, तो वहीं पश्चिम बंगाल में लोगों की चीख-पुकार मची हुई थी. पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सोमवार को एक बड़े रेल हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 के करीब लोग घायल हो गए. दार्जिलिंग में एक मालगाड़ी ने सिग्नल तोड़ते हुए सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी, इससे मालगाड़ी के लोको पायलट और पैसेंजर ट्रेन के गार्ड समेत 9 लोग मारे गए.
यह पूरी घटना सुबह 8:55 में न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से 30 किलोमीटर दूर रंगपानी स्टेशन के आगे हुई. रंगपानी स्टेशन से कंचनजंगा एक्सप्रेस खुलकर जा रही थी, इसी दौरान मालगाड़ी उसी लाइन पर सिग्नल तोड़ते हुए आगे बढ़ी और कंचनजंगा एक्सप्रेस को टक्कर मार दी. मालगाड़ी के इंजन की टक्कर के बाद कंचनजंगा एक्सप्रेस के पीछे के चार डब्बे पटरी से उतर गए. कंचनजंगा के दो पार्सल डब्बे, एक गार्ड बोगी और एक जनरल बोगी घटना में क्षतिग्रस्त हुई. साथ ही मालगाड़ी के 5 कंटेनर भी टक्कर के कारण पटरी से उतर गए.
नहीं मनाये बकरीद
हादसे के बाद रंगपानी स्टेशन पर अपनों की तलाश और बचाव कार्य में लोग जुट गए. स्थानीय लोगों ने यहां कल बकरीद का त्यौहार भी नहीं मनाया. पूरा गांव बचाव और राहत कार्य में जुटा रहा. घायलों को बोगियों से निकाल कर अस्पतालों में भर्ती कराया.
इस बड़े रेल हादसे के बाद 19 ट्रेनों को इस रूट में रद्द किया गया है. जिनमें न्यू जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी, बागडोगरा और अलुआबारी रोड जाने वाली ट्रेनें शामिल है.
घटना पर पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा- पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना दुखद है. उन लोगों के प्रति संवेदना जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया. मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. अधिकारियों से बात की और स्थिति का जायजा लिया. प्रभावितों की सहायता के लिए बचाव अभियान जारी है. रेल मंत्री श्री अश्विनीवैष्णव भी दुर्घटनास्थल पर जा रहे हैं.
अमुमन ऐसे रेल हादसों के बाद मुआवजा देने की घोषणा, जांच कमेटी का गठन और राजनीति भी होती है. इस घटना के बाद भी इस परंपरा को निभाया गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना में मारे गए लोगों के लिए मुआवजे की घोषणा की. रेल मंत्री ने ट्वीट कर मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल लोगों को 2.5 लाख और हल्की चोट वाले घायलों को 50 हजार रुपए देने की घोषणा की.
रेल मंत्री घायलों से मिलने पहुँचे
हादसे की गंभीरता को देखते हुए रेल मंत्री खुद घटनास्थल पर भी पहुंचे और अधिकारियों से रेस्क्यू ऑपरेशन की पूरी जानकारी ली. घटनास्थल पर पहुंचे रेल मंत्री ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया है. विभाग इस वक्त पूरी तरह से मेन लाइन को दोबारा चालू करने में जुटा हुआ है. इस समय राजनीति नहीं करनी चाहिए. घटनास्थल से निकलकर रेल मंत्री सिलीगुड़ी के नॉर्थ बेंगल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराए गए घायलों से भी मिले.
पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी घटना पर अपना बयान दिया है. उन्होंने कहा- कंचनजंगा एक्सप्रेस का दुर्घटनाग्रस्त होना दुखद है. आपदा राहत के लिए टीमों को दुर्घटनास्थल पर भेजा गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
रेल मंत्री ने बयान दे दिया कि इससे मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, बिल्कुल नहीं होनी चाहिए. यह एक गंभीर मुद्दा है और ऐसे मुद्दों पर राजनीति नहीं बल्कि कार्रवाई होनी चाहिए. मालगाड़ी चालक ने आखिर सिग्नल की अनदेखी क्यों की? क्या यह रेल हादसा सोच समझ कर हुआ? ट्रेन में आखिर कवच(ट्रेन टकराव रोधी टेक्नोलॉजी) एक्टिव क्यों नहीं है? इतने रेल हादसों के बाद जांच में आखिर क्या निकलता है और कितनों पर कार्रवाई असल मायने में होती है? क्या किसी की जान को मुआवजे से लौटाया जा सकता है? आखिर साल दरसाल ट्रेन हादसों में इतनी बढ़ोतरी क्यों होती जा रही है? कार्यकाल बदलते जा रहे हैं, चेहरा नहीं बदल रहा है और ना ही हादसे बदल रहे हैं.