केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर बिहार में शराबबंदी पर अपना बयान दिया है. इस बार तो उन्होंने खुद ही शराब पीने और गिरफ्तार ना होने की बात कबूली है. दरअसल राज्य में शराबबंदी लागू होने के बाद पूर्व सीएम मांझी लगातार उसपर बयान देते रहते हैं, जिस कड़ी में आज उन्होंने एक बार फिर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद भी वह रात में शराब पीते हैं और पुलिस उन्हें पकड़ती भी नहीं.
शुक्रवार को पूर्व सीएम ने इन बयानों को खुद दिया. मीडिया से बातचीत करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने शराब नीति पर कहा कि जब शराबबंदी का निर्णय लिया गया तो हम साथ थे, तो इसे खराब कैसे कहें. लेकिन इसे लागू करने में गड़बड़ी हो रही है. गरीबों तबके के लोग पाव भर शराब का भी सेवन कर ले तो उन्हें जेल भेज दिया जाता है और दूसरी तरफ हजारों-लाखों लीटर की तस्करी करने वालों को छोड़ा जा रहा है. उन्होंने आगे कहा हम सभी सफेदपोश रात में जब शराब पीते हैं तो हमको नहीं पकड़ा जाता, बात साफ है.
शराबबंदी कानून के समीक्षा करने की बात पर जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार को मैंने कई बार कहा और धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने इसकी तीन बार समीक्षा की. वह रियलिस्टिक आदमी है, लेकिन उन्हें चौथी समीक्षा करनी चाहिए. वह देखें कि गरीब लोग कितने प्रताड़ित हैं. गरीब तबके के चार से पांच लाख लोग कई मामलों में कोर्ट-कचहरी का चक्कर काट रहे हैं और जेल में है.
पूर्व सीएम के शराब पीने के बयान पर सोशल मीडिया भड़क उठा है. राजद ने तो उनके गिरफ्तारी की भी मांग रख दी है.राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि गरीब लोगों को पकड़ा जाता है. लेकिन अब केंद्रीय मंत्री स्वीकार कर रहे हैं कि वह शराब पीते हैं, उहें गिरफ्तार किया जाना चाहिए. इन वाइट कॉलर लोगों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है.