लोकसभा चुनाव के छठे चरण का प्रचार शुरू हो चुका है. सभी पार्टियां अपनी पूरी ताकत से चुनाव प्रचार करने में लगी है. इसी क्रम में सपा प्रमुख अखिलेश यादव मंगलवार 21 मई को आजमगढ़ में जनसभा करने पहुंचे. लेकिन अखिलेश के समर्थक रैली में एकबार फिर बेकाबू हो गये. समर्थक बैरिकेडिंग तोड़कर मंच की तरफ पहुंचने लगे.
स्थिति बेकाबू होता देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. भीड़ ने इस दौरान टेंट में मौजूद कुर्सी, कूलर और पंखों को तोड़ दिया. भीड़ ने मंच की तरफ जूते-चप्पल और ईट-पत्थर फेंकने लगे.
अखिलेश यादव इस दौरान मंच से समर्थकों से शांत रहने कि अपील कर रहे थे. उन्होंने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा “आपलोग समाजवादी कार्यकर्त्ता हैं. आपमें जोश है. इस जोश को 25 मई तक संभल कर रखिए. अनुशासन में रहिये. पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए हैं.”
अखिलेश के अपील के बाद समर्थक शांत हुए, जिसके बाद आगे रैली को संबोधित किया गया.
यह पहली बार नहीं है जब, अखिलेश की रैली में हालात बिगड़े हैं. इससे पहले रविवार 19 मई को प्रयागराज की फूलपुर में हुई रैली में भी भीड़ बेकाबू हो गयी थी. यहां अखिलेश यादव और राहुल गांधी संयुक्त रूप से रैली करने आये थे. हालात काबू में ना होने के कारण दोनों नेताओं को वहां से बिना जनसभा किये ही वापस लौटना पड़ा.
वहीं सोमवार 20 मई को संतकबीरनगर की रैली में भी भगदड़ जैसे हालात हो गये थे.
30 लाख नौकरी और किसानों के कर्ज माफ
रैली के दौरान अखिलेश ने लोगों को 30 लाख नौकरी देने का वादा किया. अखिलेश ने कहा हमारी सरकार बनी तो 30 लाख सरकारी पद जो खली पड़ी है उसपर नौकरी देंगे. साथ पुलिस को संबोधित करते हुए कहा कि “मैं अपने खाकी पहनने वाले साथियों को सावधान करना चाहता हूं. आने वाले दिनों में उनकी नौकरी भी तीन सालों की होने वाली है.
अखिलेश ने कहा “किसको पता था कि LIC, एयरपोर्ट, बंदरगाह, टेलीफोन और सरकारी कंपनियां बिक जाएंगी. अग्निवीर योजना आ जाएगी. यह चुनाव संविधान को बचाने का है.”
आगे अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा “दिल्ली और लखनऊ वाले अब एक दुसरे पर भरोषा नहीं करते हैं. बीजेपी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. डबल इंजन की सरकार का एक इंजन पहले ही गायब हो गया है.”