बिहार सरकार के द्वारा पिछले साल ई-टॉयलेट के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया गया था. सरकार के द्वारा बनाए गए इस ई-टॉयलेट में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग टॉयलेट हैं. इसके लिए चयनित एरिया में आधुनिक स्मार्ट टॉयलेट के लिए टेंडर भी निकलवाया गया था.
सरकार के द्वारा यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पटना के तहत शुरू कराया गया था. जिसके लिए सरकार ने 4.30 करोड़ का बजट भी निर्धारित किया था.
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ई-टॉयलेट का इस्तेमाल पर्यावरण के लिए काफी अनुकूल है. इसे इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति के द्वारा पैसे डाले जाने के बाद शौचालय का दरवाजा खुलता है और इस्तेमाल के उपरांत स्वचालित रूप से फ्लश हो जाता है.
इसके अलावा इसकी आंतरिक संरचना में प्लास्टिक रीसाइकलिंग क्राइबी शीट का उपयोग किया जाता है. यह टॉयलेट इस्तेमाल कर रहे व्यक्ति को ऑडियो के जरिए जरूरी निर्देश देता है. 3 मिनट के इस्तेमाल के बाद यह खुद ही 1.5 लीटर पानी फ्लश करता है और ज्यादा देर होने पर 4.5 लीटर पानी फ्लश करता है.
इन स्वच्छता मिशन के शुरू किये जाने और लागू करने के बीच बड़ा अन्तराल देखा जाता है. जमीनी स्तर पर काम ना होने से स्वच्छ भारत मिशन फ़ेल हो रहा है, जिसमें राजधानी पटना में भी कई मिशन फ़ेल है.