झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन राज्य के बजट सत्र में शामिल होने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. हेमंत सोरेन ने सत्र में शामिल होने के लिए पहले पीएमएलए कोर्ट में याचिका दायर की, जहां से याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया था. आज झारखंड हाईकोर्ट में पूर्व सीएम की इस याचिका पर सुनवाई होनी है.
हेमंत सोरेन ने अपनी याचिका में मौजूदा बजट सत्र में शामिल होने के लिए अनुमति मांगी है. बीते 22 फरवरी को हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी की स्पेशल कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था. ईडी कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने कहा था कि न्यायिक हिरासत में संवैधानिक अधिकार निलंबित हो जाते हैं. ऐसे में हेमंत सोरेन को बजट सत्र में भाग देने की अनुमति नहीं दी जाए. इसके अलावा ईडी ने भी दलील दी थी कि ट्रायल कोर्ट को इस मामले में फैसला लेने का अधिकार नहीं है.
जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने ईडी को नोटिस जारी किया
ईडी की ओर से जोहैब हुसैन ने विशेष अदालत से कहा कि जो व्यक्ति न्याययिक हिरासत में रहता है उसका संवैधानिक अधिकार सस्पेंड मोड में रहता है. इसी वजह से कोर्ट ने बजट सत्र में शामिल होने के लिए पूर्व सीएम सोरेन को अनुमति नहीं दी जाए.
हेमंत सोरेन की तरफ से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत से बजट सत्र में हेमंत सोरेन के भाग लेने का आग्रह किया था. राजीव रंजन ने कहा था कि अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए हेमंत सोरेन को बजट सत्र में भाग लेना होगा. बजट मनी बिल होता है और इस दौरान विधायक की अनुपस्थिति-उपस्थिति से कार्रवाई पर सीधे प्रभाव पड़ता है.
हेमंत सोरेन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर 23 फरवरी को सुनवाई हुई थी. हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया था. जिसके बाद अगली सुनवाई 26 फरवरी तय की गई थी.
झारखंड में इन दिनों विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. 23 फरवरी से शुरू हुआ या बजट सत्र 2 फरवरी को खत्म होने वाला है. हेमंत सोरेन इसमें शामिल होने के लिए लगातार कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं, तो वहीं ईडी भी अपनी पूरी तैयारी के साथ हेमंत सोरेन को पर नकेल कस रही है.