योग गुरु बाबा रामदेव और उनके पतंजलि के सामानों का शनिवार सुबह से ही सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर बहिष्कार अभियान चल रहा है. लोगों ने बाबा रामदेव के योग, पतंजलि के सामानों का बहिष्कार और इसके साथ ही बाबा रामदेव से माफी मांगने के लिए भी एक्स यूजर्स की तरफ से मांग की जा रही है.
दरअसल योग गुरु बाबा रामदेव ने शनिवार को ओबीसी को लेकर एक आपत्तिजनक बयान दे दिया है. पनवाड़ में बाबा रामदेव कलश और 12 दोज की पूर्णाहुति पर महिलाओं के साथ जल यात्रा, शोभायात्रा का कार्यक्रम कर रहे थे, जिस दौरान उन्होंने आहुति देते हुए अपने आप को ऊंची जाति का बताया और ओबीसी पर टिप्पणी कर दी.
रामदेव बाबा अग्निहोत्री ब्राह्मण है
रामदेव बाबा ने बताया कि उनका मूल गोत्र ब्रह्म गोत्र है और वह अग्निहोत्री ब्राह्मण है. अपने बारे में कहते हुए उन्होंने कहा कि लोग मुझे ओबीसी कहेंगे, ओबीसी वालों की ऐसी की तैसी. ओबीसी वाले ऐसी तैसी कराए, फालतू की बात. मैं अग्निहोत्री ब्राह्मण, वेदी ब्राह्मण हूं, मैं हूं त्रिवेदी ब्राह्मण और मैं ही हूं चतुर्वेदी ब्राह्मण हूं. चारों वेद मैंने पढ़ें हैं.
यह पहली बार नहीं है जब बाबा रामदेव इस तरह से टिप्पणी कर रहे हैं. इसके पहले भी कई बार अपने टिप्पणियों की वजह से वह विवादों में घिरे हैं और उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी है. साल 2014 में भी बाबा रामदेव ने तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हनीमून संबंधी टिप्पणी की थी. जिसका विरोध दलितों के संगठन ने भरपूर किया था और योग गुरु के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी.
इसके अलावा बीते साल भी बाबा रामदेव के विवादित टिप्पणी ने राजस्थान सरकार को परेशानी में डाल दिया था. मुस्लिम समाज के खिलाफ बाबा रामदेव ने विवादित टिप्पणी की थी जिसका एआईएमएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी विरोध किया था. एआईएमएम ने अशोक गहलोत को पत्र लिखकर बाबा रामदेव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी.
पतंजलि के कई सामान गांव-गांव तक
बाबा रामदेव ने धार्मिक मंच से कहा था कि इस्लाम धर्म का मतलब सिर्फ नमाज पढ़ना है. मुसलमान के लिए सिर्फ नमाज पढ़ना जरूरी है और नमाज पढ़ने के बाद कुछ भी करो सब जायज है. चाहे हिंदुओं की लड़कियों को उठाओ, चाहे जिहाद के नाम पर आतंकवादी बनकर जो मन में आया करो, लेकिन दिन भर में पांच बार नमाज जरूर पढ़ो. फिर सब जायज हो जाता है.
देश में बाबा रामदेव रामदेव के योग, उनके पतंजलि के सामनों का भरपूर इस्तेमाल होता है. गांव-गांव तक पतंजलि के कई सामान इस्तेमाल में लाए जाते हैं. घर-घर में बाबा रामदेव के सामनों की भरमार रहती है, ऐसे में उनका ओबीसी समाज पर इस तरह से टिप्पणी करना समाज के अन्य लोगों के लिए भी बहुत दुखद है. जातियों में समाज को बांटना, अपने आप को जाति के आधार पर उंचा समझना और दूसरों को नीचा दिखाना एक रुढ़िवादी मानसिकता हो दर्शाता है. 21वीं सदी में सूरज और चांद पर पहुंचने वाले देश की जनता को अपनी सोच को भी ऊंचा रखना होगा.
योग गुरु बाबा रामदेव की ओबीसी पर आपत्तिजनक टिप्पणी, कहा ओबीसी को ऐसी-तैसी कराए
योग गुरु बाबा रामदेव ने शनिवार को ओबीसी को लेकर एक आपत्तिजनक बयान दे दिया है. पनवाड़ में बाबा रामदेव ने अपने आप को अग्निहोत्री ब्राह्मण बताया और ओबीसी को ऐसी-तैसी करने को कहा.
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योग गुरु बाबा रामदेव और उनके पतंजलि के सामानों का शनिवार सुबह से ही सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर बहिष्कार अभियान चल रहा है. लोगों ने बाबा रामदेव के योग, पतंजलि के सामानों का बहिष्कार और इसके साथ ही बाबा रामदेव से माफी मांगने के लिए भी एक्स यूजर्स की तरफ से मांग की जा रही है.
दरअसल योग गुरु बाबा रामदेव ने शनिवार को ओबीसी को लेकर एक आपत्तिजनक बयान दे दिया है. पनवाड़ में बाबा रामदेव कलश और 12 दोज की पूर्णाहुति पर महिलाओं के साथ जल यात्रा, शोभायात्रा का कार्यक्रम कर रहे थे, जिस दौरान उन्होंने आहुति देते हुए अपने आप को ऊंची जाति का बताया और ओबीसी पर टिप्पणी कर दी.
रामदेव बाबा अग्निहोत्री ब्राह्मण है
रामदेव बाबा ने बताया कि उनका मूल गोत्र ब्रह्म गोत्र है और वह अग्निहोत्री ब्राह्मण है. अपने बारे में कहते हुए उन्होंने कहा कि लोग मुझे ओबीसी कहेंगे, ओबीसी वालों की ऐसी की तैसी. ओबीसी वाले ऐसी तैसी कराए, फालतू की बात. मैं अग्निहोत्री ब्राह्मण, वेदी ब्राह्मण हूं, मैं हूं त्रिवेदी ब्राह्मण और मैं ही हूं चतुर्वेदी ब्राह्मण हूं. चारों वेद मैंने पढ़ें हैं.
यह पहली बार नहीं है जब बाबा रामदेव इस तरह से टिप्पणी कर रहे हैं. इसके पहले भी कई बार अपने टिप्पणियों की वजह से वह विवादों में घिरे हैं और उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी है. साल 2014 में भी बाबा रामदेव ने तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हनीमून संबंधी टिप्पणी की थी. जिसका विरोध दलितों के संगठन ने भरपूर किया था और योग गुरु के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी.
इसके अलावा बीते साल भी बाबा रामदेव के विवादित टिप्पणी ने राजस्थान सरकार को परेशानी में डाल दिया था. मुस्लिम समाज के खिलाफ बाबा रामदेव ने विवादित टिप्पणी की थी जिसका एआईएमएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी विरोध किया था. एआईएमएम ने अशोक गहलोत को पत्र लिखकर बाबा रामदेव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी.
पतंजलि के कई सामान गांव-गांव तक
बाबा रामदेव ने धार्मिक मंच से कहा था कि इस्लाम धर्म का मतलब सिर्फ नमाज पढ़ना है. मुसलमान के लिए सिर्फ नमाज पढ़ना जरूरी है और नमाज पढ़ने के बाद कुछ भी करो सब जायज है. चाहे हिंदुओं की लड़कियों को उठाओ, चाहे जिहाद के नाम पर आतंकवादी बनकर जो मन में आया करो, लेकिन दिन भर में पांच बार नमाज जरूर पढ़ो. फिर सब जायज हो जाता है.
देश में बाबा रामदेव रामदेव के योग, उनके पतंजलि के सामनों का भरपूर इस्तेमाल होता है. गांव-गांव तक पतंजलि के कई सामान इस्तेमाल में लाए जाते हैं. घर-घर में बाबा रामदेव के सामनों की भरमार रहती है, ऐसे में उनका ओबीसी समाज पर इस तरह से टिप्पणी करना समाज के अन्य लोगों के लिए भी बहुत दुखद है. जातियों में समाज को बांटना, अपने आप को जाति के आधार पर उंचा समझना और दूसरों को नीचा दिखाना एक रुढ़िवादी मानसिकता हो दर्शाता है. 21वीं सदी में सूरज और चांद पर पहुंचने वाले देश की जनता को अपनी सोच को भी ऊंचा रखना होगा.