बिहार के युवाओं ने राहुल गांधी के सामने बयां किया दर्द, कहा- नौकरी की कोई उम्मीद नहीं

युवाओं के लिए शुरू की गई अग्निवीर योजना को ले कर बिहार का युवा समूह मंगलवार को राहुल गांधी से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचा. बिहार के चंपारण जिले से सभी युवा 1000 किलोमीटर दूर पैदल चलकर दिल्ली पहुंचे थे.

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राहुल गांधी बिहार के युवाओं से मिले

राहुल गांधी बिहार के युवाओं से मिले

देश में अग्निपथ स्कीम को लेकर काफी हो हल्ला हुआ था. साल 2022 में लागू हुई इस योजना का तमाम विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया था. आम लोगों ने भी इस स्कीम को लेकर नाराज़गी दर्ज कराई थी. 4 साल के लिए सेना में भर्ती होने वाली इस स्कीम के खिलाफ आज भी विपक्ष भाजपा पर हमलावर रहता है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस योजना के खिलाफ हमेशा नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आए हैं. उनका यह कहना है कि यह योजना युवाओं के सपने को नष्ट कर देता है. युवाओं के लिए शुरू की गई इस योजना पर बिहार का युवा समूह मंगलवार को राहुल गांधी से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचा. राहुल गांधी के आवास पर बिहार के चंपारण जिले से सभी युवा 1000 किलोमीटर दूर पैदल चलकर दिल्ली पहुंचे थे. युवाओं ने राहुल गांधी से अपने सपनों और सरकारी नौकरियों पर चिंता जताई. युवा अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार ने भारतीय वायु सेना की भर्ती को रद्द कर दिया है. इस तरह से भर्ती के रद्द होने की वजह से भारी संख्या में युवा परेशान है. राहुल गांधी ने कहा कि वह सड़क से लेकर संसद तक युवा बेरोजगारी के मुद्दे को उठाते रहे हैं.

‘सत्याग्रह की भूमि’ चम्पारण से

युवाओं से मुलाकात की तस्वीरें खुद राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया पर साझा की, जिसमें उन्होंने लिखा कि 'अस्थायी भर्ती’ देने के लिए लाई गयी, अग्निवीर योजना की आड़ में 2019-21 तक चली सेना एवं एयरफोर्स की ‘स्थायी भर्ती प्रक्रिया’ को रद्द कर सरकार ने अनगिनत परिश्रमी एवं स्वप्नदर्शी युवाओं की मेहनत पर पानी फेर दिया. दुखद है कि ‘सत्याग्रह की भूमि’ चम्पारण से लगभग 1100 कि.मी. पैदल चल कर अपना हक़ मांगने दिल्ली आये इन नौजवानों के संघर्ष को मीडिया के किसी भी कैमरे में जगह नहीं मिली. छोटे छोटे कमरों में रह कर बड़े बड़े लक्ष्यों को साधने वाले इन महत्वाकांक्षी छात्रों की पीड़ा शायद मुख्यधारा की मीडिया के ‘प्राइमटाइम’ में जगह ना बना सके. पर हम सड़क से लेकर संसद तक सिर्फ ‘रोजगार की बात’ कर रहे इन युवाओं के संघर्ष में उनके साथ हैं. 

केंद्र सरकार के द्वारा लागू की गई अग्निपथ योजना के तहत देशभर के युवाओं को 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाता है. साढ़े 17 साल से 21 साल तक के युवा लड़के और लड़कियों को इस योजना के तहत भर्ती किया जाता है. इस योजना के लिए 10वीं से लेकर 12वीं तक के युवा आवेदन कर सकते हैं. 90 दिनों के भीतर ही योजना के तहत भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाती है. भर्ती प्रक्रिया होने के बाद 6 महीने की ट्रेनिंग युवाओं को दी जाती है और 4 साल के लिए सेवा में शामिल किया जाता है, जिसमे ट्रेनिंग का समय भी शामिल रहता है. इस साल लगभग 46000 अग्निवीरों की भर्तियां देश में की गई है.

अग्निपथ योजना में 4 साल के बाद युवाओं का रिटायरमेंट बिना किसी पेंशन के हो जाता है. सिर्फ़ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेना में उनके परफॉर्मेंस के आधार पर पूर्णकाल के लिए शामिल किया जाता है. 

दरअसल इस योजना में 4 साल के बाद युवा आगे क्या करेंगे इसको लेकर बहुत सारे सवाल उठे हैं. केंद्र सरकार ने लोगों के बीच में इसे ले कर कई बातें साझा की है. सरकार का कहना है कि जो युवा उद्यमी बनने के इच्छुक हैं वह वित्तीय पैकेज और बैंक लोन ले सकते हैं. जो आगे पढ़ने के इच्छुक हैं उन्हें 12वीं के समकक्ष प्रमाण पत्र देकर ब्रिज कोर्स कर सकते हैं. जो आगे चलकर जॉब करना चाहते हैं उन्हें केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बल और राज्य पुलिस में प्राथमिकता दी जाएगी. अग्निवीर के रिटायरमेंट के बाद कई सेक्टर में भी अग्निवीरों के लिए दरवाजे खुल जाते हैं. 

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