लोकसभा चुनाव के पहले जदयू पार्टी में सेंधमारी देखने को मिली है. जदयू के अपने मंत्री के बेटे ने पिता की पार्टी छोड़ विपक्षी दल को ज्वाइन कर लिया है.
हाल में ही कांग्रेस, बीजेपी समेत कई दलों के नेता फेरबदल कर रहे हैं, इसी फेरबदल में बिहार सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी का भी नाम शामिल हो गया है. सन्नी हजारी ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली, सन्नी के कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद अब बिहार का सियासी पारा बढ़ गया है. खबरों के मुताबिक देखकर सन्नी हजारी को कांग्रेस पार्टी समस्तीपुर सीट से चुनाव लड़वाना चाहती है, जिसके लिए आने वाले दिनों में सन्नी को टिकट भी दिया जा सकता है. हालांकि सन्नी हजारी को टिकट देने के लिए अभी कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.
समस्तीपुर सीट के लिए सन्नी हजारी देख रहे सपना
खबरों के मुताबिक समस्तीपुर लोकसभा सीट से सन्नी चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें चिराग पासवान की पार्टी ने टिकट नहीं दिया. इसी वजह से उन्होंने नाराज होकर पार्टी छोड़ दी.
सन्नी हजारी के पिता महेश्वर हजारी बिहार सरकार में जनसंपर्क विभाग के मंत्री हैं. उन्होंने भी बेटे को समस्तीपुर सीट से चुनाव लड़वाने का सोचा था, लेकिन बाप-बेटे की यह ख्वाहिश जदयू पार्टी में पूरी नहीं हो पाई.
बता दें कि जिस समस्तीपुर सीट के लिए सन्नी हजारी सपना देख रहे हैं, उस सीट पर अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को एनडीए ने टिकट दिया है. एनडीए की तरफ से लोजपा(रामविलास) के टिकट पर शांभवी समस्तीपुर से चुनाव लड़ रही हैं.
जिस तरह से बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट दिलचस्प बनी हुई है, इस तरह से समस्तीपुर लोकसभा सीट भी दिलचस्प होती हुई नजर आ रही है. इस सीट पर नीतीश कुमार के दो मंत्रियों के बेटे और बेटी के बीच में चुनावी लड़ाई देखने को मिल सकती है.
सन्नी हजारे के कांग्रेस ज्वाइन करने पर महेश्वर हजारी ने कहा कि है यह उनके बेटे का निर्णय है, इससे उनका कुछ भी लेना-देना नहीं है. वजह जदयू पार्टी के साथ है और नीतीश कुमार के साथ खड़े हैं. बेटे ने अपना पोलिटिकल कैरियर खुद चुना है.