बुधवार को बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने अपना त्यागपत्र सौंपा था. महेश्वर हजारी के बाद आज जदयू के वरिष्ठ विधायक नरेंद्र नारायण यादव ने विधानसभा के नए उपाध्यक्ष के लिए नामांकन भरा है. गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में नरेंद्र नारायण ने विधानसभा के उपाध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल किया है.
नरेंद्र नारायण के नामांकन के बाद विपक्ष की ओर से इस पद के लिए उम्मीदवार लाने की उम्मीद कम जताई जा रही है. ऐसे में नरेंद्र नारायण का निर्विरोध उपाध्यक्ष चुना जाना बहुत हद तक संभव है.
कौन हैं नरेंद्र नारायण यादव
उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने के बाद नरेंद्र नारायण ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है, उस जिम्मेदारी को वह बहुत अच्छे से निभाएंगे और सदन को बिल्कुल सुचारू ढंग से चलाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष को बेहतर समन्वय के साथ सदन का संचालन करना होगा. वह विपक्ष के सभी लोगों की बातें भी सुनेंगे. आगे उन्होंने नीतीश कुमार के प्रति आभार जताते हुए कहा कि पार्टी ने जो विश्वास जताया है, उसके लिए वह पार्टी के आभारी हैं.
मालूम हो कि नरेंद्र नारायण मिथिला इलाके के कोसी प्रमंडल से आने वाले हैं. वह मधेपुरा के आलमनगर विधानसभा के जदयू विधायक है. नरेंद्र नारायण यादव ने बिहार सरकार में पंचायती राज में मंत्री का पदभार संभाला है. इसके साथ ही वह 2005 से 2015 तक विभिन्न विभागों में कैबिनेट मंत्री के तौर पर भी रहे हैं.
बुधवार को इस्तीफा देने के बाद महेश्वर हजारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने अपने स्वेक्षा से इस्तीफा दिया है और मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ उचित परामर्श के बाद ही इस्तीफा का निर्णय लिया है. इधर यह भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में नरेंद्र नारायण शामिल हो सकते हैं. मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले सवाल पर महेश्वर हजारी ने कहा कि मैं पार्टी का सिपाही हूं, मेरे बारे में जो निर्णय होगा, मैं उसका पालन करूंगा.