झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के नेता हेमंत सोरेन की आज दो मामलों में अहम दिन था. पहला मामला पूर्व सीएम के बजट सत्र में शामिल होने का था और दूसरा ईडी गिरफ्तारी का था. आज हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन की बजट सत्र में शामिल होने वाली याचिका को खारिज करते हुए झामुमो नेता को बड़ा झटका दिया है.
हाईकोर्ट में ईडी की कार्रवाई और गिरफ्तारी के खिलाफ भी हेमंत सोरेन ने याचिका दायर की थी, जिस पर आज सुनवाई हुई. इस सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
पीएमएलए स्पेशल कोर्ट में दायर की गई याचिका
गिरफ्तारी की याचिका के पहले हेमंत सोरेन ने बजट सत्र में शामिल होने के लिए भी हाईकोर्ट ने याचिका दायर की थी, जिस पर 26 फरवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया. हेमंत सोरन ने इस मामले में पहले पीएमएलए की विशेष अदालत में याचिका दायर की थी. जहां से याचिका खारिज हो गई थी, उसके बाद हेमंत सोरेन ने उच्च न्यायालय का रुख किया था.
हेमंत सोरेन को ईडी ने 31 जनवरी को जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद 13 दिन की हिरासत खत्म होने के बाद 15 फरवरी को पूर्व सीएम को बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल भेज दिया था.
आज हेमंत सोरेन की रिट पिटीशन पर एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर के खंडपीठ में सुनवाई हुई. पिटीशन पर सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पक्ष रखते हुए एएसजीआई एस वी राजू ने कहा कि इस याचिका को खारिज कर दिया जाए. जिस मामले को लेकर ईडी ने हेमंत सोरेन पर कार्रवाई की है, उससे संबंधित पर्याप्त सबूत है. यह शेड्यूल ऑफिस का मामला बनता है.
बड़गई अंचल की जिस जमीन पर कब्जा किया गया था, उस पर जल्द ही बैंक्वेट हॉल बनाने की तैयारी थी. जिसका नक्शा भी हेमंत सोरेन के करीबी विनोद सिंह ने व्हाट्सएप पर उन्हें भेज दिया था.
वही हेमंत सोरेन का पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने ऑनलाइन मोड में कहा कि हेमंत सोरेन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता है. यह मामला शेड्यूल ऑफिस का नहीं है.