झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने दो दिनों की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. बुधवार को पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस पहुंचे आलमगीर आलम को ईडी ने टेंडर कमीशन घोटाला करने में गिरफ्तार किया है. ईडी ने आलमगीर आलम के सचिव संजय लाल के घरेलू सहायक के घर से 35 करोड़ रुपए कैश बरामद किया था, जिसके बाद मंत्री आलम से पूछताछ की जा रही थी. दो दिनों तक ग्रामीण विकास मंत्री से लम्बी पूछताछ हुई थी, इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है.
दो दिन चली पूछताछ
मंगलवार को ईडी ने आलमगीर आलम से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी. बुधवार को भी उन्हें ईडी ऑफिस बुलाया गया था, जिसमें वह पहुंचे थे. सुबह 11:00 बजे से उनसे पूछताछ शुरू हुई थी और देर शाम उन्हें पूछताछ में सहयोग ना करने के कारण गिरफ्तार किया गया.
मालूम हो कि कैश रिकवरी के बाद ईडी ने रविवार को ही ग्रामीण विकास मंत्री को ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था. मंत्री आलम को समन भेजकर रांची स्थित जोनल कार्यालय में बुलाया गया था, जिसमें वह पूछताछ के लिए पहुंचे भी थे. ईडी ऑफिस के बाहर मीडिया से बात करते हुए मंत्री आलम ने कहा था कि मैं कानून को पालन करने वाला आदमी हूं.
6 मई को ही ईडी ने आलमगीर आलम के नीजी सचिव संजय लाल के घरेलू नौकर जहांगीर आलम के अपार्टमेंट पर छापेमारी की थी. छापेमारी में ईडी को 35 करोड़ रुपए कैश मिले थे. इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था.
जाने पूरा मामला
यह पूरा मामला सितंबर 2020 का है. साल 2020 में ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम और कई लोगों के खिलाफ झारखंड पुलिस में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की ओर से मामला दर्ज कराया गया था. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की ओर से 2023 में इस मामले में प्राथमिक की दर्ज की गई थी. ईडी ने वीरेंद्र कुमार राम को इस मामले में पिछले साल गिरफ्तार किया था. ईडी का दावा है कि वीरेंद्र कुमार कमीशन लेता था, जिसका 1.5 फ़ीसदी हिस्सा वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं को भेजा जाता था.