बीते 1 महीने से ज्यादा समय से झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद है. उनके खिलाफ लगातार ईडी की जांच और कार्रवाई चल रही है. हेमंत सोरेन ने अपने पद को छोड़ने के बाद चंपई सोरेन के हाथ में झारखंड की बागडोर सौंप थी, चंपई सोरेन ने सत्ता में आने के बाद अपने आप को हेमंत सोरेन सरकार 2.0 का नाम दिया था. चंपई सोरेन लगातार हेमंत सोरेन की योजनाओं को आगे बढ़ाते हुए भी नजर आते है, अब अब चुनावी मैदान में पूर्व सीएम के नक़्शे कदम पर उनकी पत्नी भी नजर आने वाली है.
राजनीतिक पारी की शुरूआत कर सकती है कल्पना सोरेन
हेमंत सोरेन के नाम पर चुनाव लड़ने की तैयारी में कल्पना सोरेन ने अपनी कमर कस ली है. कल्पना सोरेन ने रविवार को राजनीति में कदम रखने के संकेत दिए हैं. कल्पना सोरेन ने राजनीति में आने को लेकर संकेत भले ही अभी दिए हो, लेकिन उनके नाम पर चर्चा जनवरी महीने से ही शुरू हो गई थी. दरअसल जनवरी में जब हेमंत सोरेन के ऊपर ईडी की कार्रवाई के काले बादल मंडरा रहे थे, तभी कहा जा रहा था कि हेमंत सोरेन अपनी कुर्सी कल्पना सोरेन को सौंप सकते हैं. लेकिन उस समय कल्पना सोरेन के नाम पर मोहर नहीं लगी थी.
मालूम हो कि 18 साल पहले हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन की शादी हुई थी. झारखंड के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार में से एक सोरेन परिवार में राजनीति के दांव-पेंच घर में जरूर चर्चा में रहते होंगे. कल्पना सोरेन भी राजनीति से बखूबी वाकिफ है. अभी राजनीति में आने के लिए कल्पना सोरेन का सबसे सही वक्त है, हेमंत सोरेन जहां एक तरफ जेल में बंद है, तो वही झारखंड में उनके लिए सहानुभूति भी देखी जा रही है.
हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद से कल्पना सोरेन ही उनके एक्स सैंडल को चला रही थी. उसी एक्स हैंडल से उन्होंने रविवार को यह ऐलान किया कि सोमवार से वह एक्टिव पॉलिटिक्स में नजर आएंगी. झामुमो के 51वें स्थापना दिवस समारोह से कल्पना सोरेन राजनीति में आएंगी.
कल्पना सोरेन ने एक्स हैंडल पर लिखा- आज अपने जन्मदिन और कल गिरिडीह में झामुमो के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले आज झारखंड राज्य के निर्माता और झामुमो के माननीय अध्यक्ष आदरणीय बाबा दिशोम गुरुजी और मां से आशीर्वाद लिया. आज ही सुबह हेमन्त जी से भी मुलाकात की.
मेरे पिता भारतीय सेना में थे. वह सेना से रिटायर हो चुके हैं. पिताजी ने सेना में रहकर देश के दुश्मनों का डटकर सामना किया. बचपन से ही उन्होंने मुझमें बिना डरे सच के लिए संघर्ष करना और लड़ना भी सिखाया. झारखंड वासियों और झामुमो परिवार के असंख्य कर्मठ कार्यकर्ताओं की मांग पर कल से मैं सार्वजनिक जीवन की शुरुआत कर रही हूं. जब तक हेमंत जी हम सभी के बीच नहीं आ जाते तब तक मैं उनकी आवाज बनकर आप सभी के बीच उनके विचारों को आपसे साझा करती रहूंगी, आपकी सेवा करती रहूंगी. विश्वास है, जैसा स्नेह और आशीर्वाद आपने अपने बेटे और भाई हेमन्त जी को दिया है, वैसा ही स्नेह और आशीर्वाद, मुझे यानी हेमन्त जी की जीवन संगिनी को भी देंगे. जय जोहार. जय झारखण्ड. हेमन्त है तो हिम्मत है. #झारखण्ड_झुकेगा_नहीं ~ कल्पना मुर्मू सोरेन
हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद झामुमो का स्थापना दिवस "आक्रोश दिवस" के रूप में मनाया जाएगा. यह कार्यक्रम गिरिडीह के झंडा मैदान में आयोजित किया जाएगा.