झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने झामुमो का साथ छोड़ भाजपा का दामन थामा था. सीता सोरेन के खिलाफ झामुमो ने 2 महीने बाद कड़ा एक्शन लिया है. झामुमो से जामा विधायक सीता सोरेन को पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. सीता सोरेन के साथ बारियो विधायक लोबिन हेंब्रम को भी पार्टी ने 6 सालों के लिए निकाला है.
शिबू सोरेन ने की कार्रवाई
पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन की तरफ से यह कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से और दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ने के कारण की गई है. शुक्रवार को शिबू सोरेन की तरफ से पत्र जारी कर कहा गया की सीता ने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और त्यागपत्र को स्वीकार करने का अनुरोध किया था. सीता ने भाजपा के टिकट पर नामांकन भरा है. इस कारण उन्हें सभी पदों से मुक्त करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 सालों के लिए निष्कासित किया जाता है. लोबिन हेंब्रम को भी लेकर शिबू सोरेन ने लिखा कि निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उन्होंने नामांकन कर गठबंधन धर्म के विपरीत काम किया है.
लोबिन हेंब्रम ने राजमहल लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया था, जहां से भाजपा सांसद विजय हंसदक उम्मीदवार बनाए गए हैं.
झामुमो ने पार्टी से किया अलग-थलग
सीता सोरेन ने 20 मार्च को दिल्ली में भाजपा की शपथ ली थी. तीन बार की विधायक सीता सोरेन ने 2009 में अपने पति दुर्गा सोरेन की मौत के बाद से पार्टी में अलग-थलग पड़ने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी ने उन्हें और उनकी बातों को प्राथमिकता देना बंद कर दिया है. भाजपा ने सीता सोरेन को दुमका लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है.
पार्टी से निकाले जाने पर सीता सोरेन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह पहले से ही झामुमो को अपना इस्तीफा सौंप चुकी है और उनका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें झामुमो से कोई उम्मीद नहीं है. पार्टी ने उनके परिवार का सम्मान नहीं किया है और उनके दिवंगत पति को भी याद नहीं किया है. सीता सोरेन ने कहा कि उनके पति ने झामुमो को मजबूत करने के लिए अपना खून पसीना बहाया था.