लोकसभा चुनाव (loksabha election 2024)के दौरान कांग्रेस पार्टी को लगातार झटकों का सामना करना पड़ रहा है. महाराष्ट्र, दिल्ली, सूरत, और इंदौर के बाद एक और बड़े नेता ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया है. इंदौर में विजय कांति बम के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका विजयपुर से विधायक रामनिवास रावत (Ramnivas Rawat) ने दिया है.
रावत ने मंगलवार को एमपी के श्योपुर में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और न्यू जॉइनिंग टोली के प्रदेश संयोजक डॉ नरोत्तम मिश्रा की उपस्थिति में रामनिवास रावत समेत मुरैना की महापौर शारदा सोलंकी ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है. इस दौरान रामनिवास रावत के समर्थकों नें भी बीजेपी की सदस्यता ली.
वहीं मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अंगवस्त्र पहनाकर भाजपा में उनका स्वागत किया.
क्यों हुए कांग्रेस से दूर
बताया जा रहा है कि रामनिवास रावत मुरैना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन कांग्रेस पार्टी ने मुरैना से सत्यपाल सिंह सिकरवार को टिकट दे दिया. इसी बात से नाराज रामनिवास रावत ने कांग्रेस से किनारा कर लिया.
रामनिवास रावत विजयपुर विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक रह चुके हैं. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान रावत ने मुरैना सीट से चुनाव भी लड़ा है. हालांकि उन्हें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर से हार का सामना करना पड़ा था. रावत को ओबीसी वर्ग का बड़ा नेता माना जाता है. ऐसे में पूरी सम्भावना है कि रावत के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को इसका फायदा मिलेगा.