मनीष कश्यप आज हो सकते है रिहा, पटना हाईकोर्ट से मिली जमानत

यूट्यूबर मनीष कश्यप को 9 महीने बाद पटना हाई कोर्ट से दो मामलों में जमानत मिली है. यूट्यूबर की आज जेल से रिवाज रिहाई संभव है. मनीष कश्यप को सिविल कोर्ट से अन्य दो मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी थी.

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मनीष कश्यप को बेल

मनीष कश्यप को बेल

बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप को 9 महीने बाद पटना हाई कोर्ट से दो मामलों में जमानत मिली है. यूट्यूबर की गुरुवार को जेल से रिहाई संभव है. मनीष कश्यप को सिविल कोर्ट से अन्य दो मामलों में जमानत मिल चुकी थी, जिसके बाद दो अन्य मामलों में उन्हें बुधवार को पटना हाईकोर्ट से जमानत मिली है.

18 मार्च 2023 को यूट्यूबर मनीष कश्यप ने फेक वीडियो के मामले में सरेंडर किया था, जिसके बाद से वह जेल में बंद थे. सरेंडर करने के कुछ महीनों तक मनीष कश्यप को तमिलनाडु के जेल में रखा गया, जिसके बाद उन्हें अगस्त महीने में पटना के बेउर जेल में शिफ्ट किया गया था. 

मनीष कश्यप पर आरोप है कि उन्होंने तमिलनाडु में मजदूरों के साथ मारपीट का फेक वीडियो सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था. जिसके बाद उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही थी. पुलिस ने पहले तमिलनाडु मामले में पूछताछ के लिए मनीष कश्यप को समन भी भेजा था, लेकिन वह पुलिस के सामने नहीं आ रहे थे. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने भी मनीष कश्यप के खिलाफ कार्रवाई की थी. मनीष कश्यप को पकड़ने के लिए राज्य में कई जगहों पर जबरदस्त छापेमारी की गई थी. इस दौरान कई दिनों तक यूट्यूबर अंडरग्राउंड भी रहे थे. बेतिया पुलिस ने कार्रवाई करते हुए यूट्यूबर के घर की कुर्की जब्त की थी, जिसके बाद उन्होंने स्थानीय थाने में सरेंडर किया था.

मनीष कश्यप के सरेंडर करने के बाद तमिलनाडु पुलिस तुरंत पटना पहुंची थी. जहां से यूट्यूबर को ट्रांजिट डिमांड पर 30 मार्च को तमिलनाडु पुलिस अपने साथ लेकर गई थी. 

कोर्ट में सुनवाई के दौरान कई बार मनीष कश्यप ने सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तक को अपने निशाने पर लिया था. उन्होंने मीडिया से कहा था कि वह खुद एक पत्रकार है और राज्य में सीएम पत्रकारों के स्वतंत्रता की बात करते हैं. 

बात तो चले कि मनीष कश्यप बिहार में पत्रकारों के बीच काफी जाना माना नाम है. पत्रकारिता के अलावा उन्होंने राजनीति में भी अपनी किस्मत आजमाई है. साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चनपटिया विधानसभा क्षेत्र से मनीष ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन हासिल किया था. लेकिन चुनाव में उन्हें सफलता नहीं मिली थी.

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