असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने बिहार के दो सीटों से अपना पैर पीछे खींच लिया है. दूसरे चरण में होने वाले चुनाव के दो सीटों से पार्टी ने चुनाव ना लड़ने की घोषणा की है. गुरुवार को बिहार के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने इस बात की घोषणा की. उन्होंने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर AIMIM बिहार के पूर्णिया और कटिहार सीट पर चुनाव नहीं लड़ेगी.
बता दें कि AIMIM ने पहले 11 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, इसके बाद पांच और सीटों पर चुनाव लड़ने के फैसले को लिया गया. जिसमें गोपालगंज, शिवहर, दरभंगा, बाल्मीकि नगर और मधुबनी शामिल थे. वहीं अब पार्टी ने यह फैसला लिया है कि सीमांचल के किशनगंज सीट को छोड़कर बाकी किसी भी सीट पर पार्टी दूसरे चरण के लिए उम्मीदवार नहीं उतारेगी.
किशनगंज सीट से पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष विधायक अख्तरुल इमान ने नामांकन भरा है.
कटिहार सीट से आदिल हसन के नाम का ऐलान
अख्तरुल इमान ने बताया कि कटिहार सीट से AIMIM नेता आदिल हसन के नाम का ऐलान हुआ था, लेकिन आदिल हसन को किशनगंज का इलेक्शन एजेंट बनाया गया है. इसी वजह से वह कटिहार से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे और इन सीटों पर पार्टी दुसरे पार्टी का समर्थन करेगी. हालांकि AIMIM किस पार्टी का समर्थन करेगी इसका निर्णय आगे चलकर लिया जाएगा.
ओवैसी के सीमांचल इलाके से नाम वापस लेने से महागठबंधन को फायदा मिल सकता है. इन सीट पर मुस्लिम वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है, जिससे महागठबंधन को मुस्लिम वोटरों का साथ मिल सकता है. मालूम हो कि 2020 के विधानसभा चुनाव में AIMIM का जादू सिमांचल के इलाके में देखा गया था. विधानसभा चुनाव में पांच सीटों पर पार्टी ने कब्जा किया था और महागठबंधन को इससे बड़ा झटका लगा था.
AIMIM के दो सीटों पर उम्मीदवारी वापस लेने पर जदयू ने पार्टी पर आरोप लगाया है कि AIMIM ने पैसे लेकर उम्मीदवार वापस कर लिए हैं. जदयू MLC खालिद अनवर ने पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि AIMIM के इस कदम से साफ है कि पार्टी या तो महागठबंधन के साथ सहयोगी है या फिर पैसे का खेल हुआ है. लेकिन जनता को सब पता है कैसे परिवारवादी और भ्रष्ट पार्टी के समर्थन में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी खड़ी हो रही है.