राज्य में मंगलवार को जमुई जिले में हुए बालू माफियाओं के आतंक के बाद से ही कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. नीतीश कुमार के राज में सुशासन की बात को लेकर भी लोगों ने सवाल दागने शुरू कर दिए हैं.
जमुई में एसआई पर बालू लदे ट्रैक्टर से दिए जाने से एसआई की मौत हो गई है. घटना के बाद से नीतीश तेजस्वी की सरकार पर जंगल राज होने का इल्जाम लगाया जा रहा है.
लोगों को जिसका डर था वही हो रहा है
जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मामले पर अपना बयान दिया है. प्रशांत किशोर ने राज्य में मौजूदा कानून व्यवस्था पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बिहार में पिछले 6 महीने से इस महागठबंधन की सरकार को ले कर जो डर था वह सच साबित हो रहा है. अभी दरोगा की हत्या हो गई है यह उसका उदाहरण है. थोड़े दिन पहले ही हमने जोड़ा तो पता चला था कि इस साल 18 मुखियाओं की हत्या हुई थी और करीब सात चुने गए पर सरपंच भी इस साल मारे गए हैं. वही अलग-अलग मारपीट, डकैती और अपहरण जैसी घटनाओं का तो कोई हिसाब ही नहीं है.
तेजस्वी यादव घटना से अनजान
राज्य के उपमुख्यमंत्री से जब जमुई में हुए दरोगा हत्या के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कह दिया कि हमें इस बारे में भी जानकारी नहीं है पता करते हैं.
चिराग भी हमलावर
वही लोजपा रामविलास के अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान ने भी नीतीश सरकार पर बालू तस्करों के तांडव पर सवाल उठाया है. चिराग पासवान ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है-
मुख्यमंत्री जी , राज्य में बालू तस्करों का तांडव सिर चढ़ कर बोल रहा है।ऐसे में सवाल आपके नेतृत्व पर भी उठते हैं की क्या ये सब आपके संरक्षण में हो रहा है? और नहीं तो अब तक कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए। अवैध बालू खनन से कहीं नदी में डूबने से मौत हो रही है तो कहीं अनियंत्रित वाहन सुरक्षाबलों को कुचल रहे हैं। जरूरी है कोई ठोस कदम उठाकर बिहारियों की जान बचाई जाए।
चिराग पासवान ने दरोगा प्रभात रंजन की मौत पर संवेदना जारी करते हुए अपने ट्वीट किया है- मेरे संसदीय क्षेत्र जमुई के गढ़ी में बालू लदे एक अनियंत्रित ट्रैक्टर से दरोगा श्री प्रभात रंजन जी की मौत हो गई एवं होमगार्ड के एक जवान गंभीर रूप से घायल है। मैं मृत दारोगा के शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायल जवान के शीघ्र स्वास्थलाभ की कामना करता हूं।