14 जनवरी को मणिपुर से शुरू हुई भारत जोड़ो न्याय यात्रा आज बिहार पहुंच गई है. राहुल गांधी के नेतृत्व वाली न्याय यात्रा 29 जनवरी को बिहार के किशनगंज पहुंची है. आज सुबह 9:00 बजे राहुल गांधी अपने काफिले के साथ पश्चिम बंगाल से निकलकर बिहार के किशनगंज में पहुंचे.
इस यात्रा के लिए बिहार कोंग्रेसियों में काफी उत्साह भरा हुआ है. कांग्रेस पार्टी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा में ऐतिहासिक भीड़ जुटाने की तैयारी कर रखी है. बिहार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने राहुल गांधी के आगमन को लेकर अपनी पूरी ताकत लगाई थी. राहुल गांधी के स्वागत के लिए कांग्रेस नेता पलके बेचकर बैठे हुए थे. उनके स्वागत के लिए पूरे शहर में बैनर-पोस्टर लगाया गया है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूरे शहर में राहुल गांधी के लिए बड़े-बड़े होर्डिंग भी लगाए हैं.
राहुल गांधी (rahul gandhi) की यह यात्रा बिहार-बंगाल बॉर्डर किशनगंज के फरानगोला चौक पहुंची. अपनी न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी कुल चार दिनों के लिए बिहार में 425 किलोमीटर की यात्रा करेंगे. बिहार में अपनी न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी यादव कॉलेज में विश्राम करेंगे. आयोजन कमेटी के ओर से जानकारी देते हुए बताया गया है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ों न्याय यात्रा दिन के 3:00 बजे किशनगंज के जीरो माइल पहुंचेगी. जहां से अस्पताल रोड, चांदनी चौक और काली मंदिर के रास्ते से होते हुए यात्रा गुजरेगी. आज की यात्रा के बाद रात्रि विश्राम होगा उसके बाद 30 जनवरी को राहुल गांधी का काफिला पूर्णिया के लिए रवाना हो जाएगा. पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में रैली और जनसभा को राहुल गांधी संबोधित करेंगे.
नीतीश कुमार ने न्याय यात्रा से खींचे हाथ
वायनाड सांसद अपने इस चार दिवसीय बिहार यात्रा के दौरान किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, सासाराम जैसे चार सीटों का दौरा करेंगे. इसके बाद यात्रा झारखंड के लिए रवाना हो जाएंगे.
इधर राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा बिहार में पहुंची, इसके पहले ही राज्य में खेला हो चुका था. सत्ता परिवर्तन से पहले इंडिया गठबंधन के साथ रहे जदयू भी इस यात्रा में शामिल होने वाले थे, लेकिन अब दृश्य कुछ और है. वैसे पहले भी नीतीश कुमार ने न्याय यात्रा से अपना हाथ खींच लिया था.
राहुल गांधी की यात्रा बिहार में आने से पहले बिहार सीएम ने इंडिया गठबंधन और राजद से मुंह मोड़ लिया था. तो वहीं बंगाल में भी राहुल गांधी की यात्रा के पहले ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन से अपना हाथ खींच लिया था. ममता बनर्जी ने चुनाव में एकला चलो के तहत इंडिया गठबंधन से किनारा कर लिया और अकेले ही चुनाव में ताल ठोकने की ठानी है. यात्रा में पहले भी असम में राहुल गांधी को सीएम ने मंदिर में जाने से रोक दिया था. जिसके बाद राहुल गांधी धरने पर बैठ गए थे.