2024 के लोकसभा चुनाव के पहले जदयू भाजपा को परास्त करने के लिए हर हथकंडे को अपना रही है. जदयू ने राज्य में लोगों को सरकारी नौकरियां बांटी, भीम संसद कर अति पिछड़ों को साधा, 75% आरक्षण देकर भी पिछड़ों का साथ दिया. जदयू लगातार यह दिखा रही है कि वह अंबेडकर के विचारों पर चलती है.
बाबा साहेब अंबेडकर के लिखे गए संविधान को जदयू ने खतरे में बताया है. जदयू भाजपा पर संविधान बदलने का आरोप लगाती रही है. संविधान को भाजपा से बचाने के लिए नीतीश कुमार की पार्टी 6 दिसंबर को 'संविधान बचाओ मार्च' निकालेगी. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि के मौके पर भाजपा के खिलाफ इस मार्च का आयोजन कराया जा रहा है.
केंद्र सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं के गलत उपयोग और इतिहास को मिटाने की कोशिश करने का जदयू आरोप लगा रही है. इस मार्च से जदयू लोगों के बीच में जागरूकता फैलाएगी.
जनता दल यूनाइटेड के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ की देखरेख में इस मार्च का आयोजन होने वाला है. पार्टी के नेताओं ने कहा है कि संविधान के दिए गए आरक्षण को खत्म किया जा रहा है.
6 दिसंबर को राज्य भर में 11:00 बजे इस मार्च का आयोजन किया जाएगा. जदयू के प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने इसको ले कर पूरी तैयारी कर चुका है.