झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को अंतरिम जमानत देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. बुधवार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत नहीं दी. शीर्ष अदालत ने हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई करते हुए फटकार भी लगाई. अदालत में कई तथ्यों के खुलासा नहीं करने पर हेमंत सोरेन के वकील को कोर्ट ने फटकार लगाई, जिसके बाद वकील ने जमानत याचिका वापस ले ली.
सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने भौतिक तथ्यों के खुलासा किए बिना आने के लिए हेमंत सोरेन की आलोचना की. कोर्ट ने इस तथ्य को गंभीरता से लिया कि हेमंत सोरेन के निचली अदालत द्वारा शिकायत पर संज्ञान लेने की बात छिपाई गई थी. इसके अलावा यह भी छुपाया गया था कि जमानत याचिका विशेष अदालत दायर की गई थी, जो लंबित थी.
कोर्ट ने कहा कि यह तरीका नहीं है, जिससे आप बहुत ही तथ्यों का खुलासा किए बिना सुप्रीम कोर्ट के सामने आते हैं. अगर आप कानून पर बहस करते हैं तो हम इस एसएलपी को खारिज कर सकते हैं, क्योंकि आप साफ़ हाथों के बिना आए हैं. कोर्ट ने आगे कहा कि आपका आचरण दोष रहित नहीं है. हिरासत में लिया गया व्यक्ति ईमानदारी से काम नहीं कर रहा है और वह कोई आम आदमी नहीं है.
झारखंड के पूर्व सीएम को इस बात की उम्मीद थी कि दिल्ली सीएम केजरीवाल को कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के लिए जमानत दी है. केजरीवाल को मिली जमानत को भी वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट के सामने रखा था, लेकिन कोर्ट हेमंत सोरेन के मामले में सख्त नजर आया.
मंगलवार को भी सुप्रीम कोर्ट में ईडी के कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई थी. करीब 2 घंटे तक सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष में जोरदार बहस हुई थी. मंगलवार की सुनवाई के बाद जस्टिस दीपंकर दत्ता और सतीश चंद्र शर्मा की ग्रीष्मकालीन बेंच ने आज भी सुनवाई जारी रखने का फैसला किया.