प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छह साल चुनाव लड़ने पर बैन (Six year electoral ban) लगाने की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने रद्द कर दिया है. दरअसल, याचिकाकर्ता वकील आनंद एस जोंधले ने 15 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए पीएम मोदी पर आरोप लगाया था कि- पीएम मोदी "भगवान और पूजा स्थल" के नाम पर वोट मांग रहे हैं. आनंद ने अपनी याचिका में पीएम मोदी के पीलीभीत के चुनावी रैली में दिए गये भाषण का संदर्भ दिया था. जोंधले का आरोप था कि पीएम ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है.
सोमवार 29 अप्रैल को हाईकोर्ट ने इसपर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिका कई कारणों से पूरी तरह गलत है. कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता का मानना है कि आचार संहिता का उल्लंघन हुआ, लेकिन हमारे लिए चुनाव आयोग को किसी शिकायत पर कोई विशेष नजरिया अपनाने का निर्देश देना सही नहीं है.
कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता आनंद एस जोंधले से कहा कि “चुनाव आयोग आपकी शिकायत पर कानून के मुताबिक एक्शन लेगा. हम ये याचिका खारिज करते हैं.”
क्या कहा था पीएम मोदी ने...
पीएम मोदी (PM Modi) ने 9 अप्रैल को यूपी के पीलीभीत में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था I.N.D.I.A. गठबंधन के नेताओं ने ‘प्राण प्रतिष्ठा’ निमंत्रण को अस्वीकार करके “भगवान राम का अपमान” किया है. पीएम मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र पर भी कटाक्ष करते हुए कहा था कि इस घोषणापत्र पर मुस्लिम लीग की छाप है.
रैली के दौरान पीएम मोदी ने सिखों के साथ कांग्रेस के अन्याय का जिक्र भी किया था. पीएम ने कहा समाजवादी पार्टी आज जिस कांग्रेस के साथ खड़ी है, उस कांग्रेस ने 1984 में हमारे सिख भाई-बहनों के साथ क्या किया था, वो कोई भूल नहीं सकता.
ये भाजपा है, जो सिखों के साथ पूरी शक्ति से खड़ी है. हमें गर्व होता है जब लाखों श्रद्धालु, जिनके मन में दशकों से दर्द था, पीड़ा थी, वे करतारपुर साहिब कॉरिडोर से करतारपुर साहब जाकर मत्था टेकते हैं. पीएम ने लंगर से GST हटाने, श्री हरमिंदर साहब के लिए FCRA रजिस्ट्रेशन शुरू करने और वीर बाल दिवस का भी जिक्र किया था.