चौथे चरण में बिहार की 5 सीटों पर वोटिंग हुई, जिसमें से मुंगेर लोकसभा सीट पर बूथ कैपचरिंग का मामला सामने आया था. मुंगेर में वोटिंग के दौरान 45 बूथों पर जदयू कार्यकर्ताओं के कब्जा करने का आरोप लगाया गया था. इस आरोप के बाद स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर आज सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की सलाह दी. याचिकाकर्ता राजद उम्मीदवार कुमारी अनिता को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि बिना याचिका दाखिल कर आरोप लगाना बिल्कुल ठीक नहीं है. हाईकोर्ट खुला है आप वहां जाइए. हम इस पर सुनवाई नहीं करेंगे.
राजद उम्मीदवार कुमारी अनिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि मुंगेर लोकसभा सीट(Munger Loksabha election) पर वोटिंग के दौरान 45 बूथों पर जदयू कार्यकर्ताओं ने मिली भगत कर बड़े पैमाने पर धांधली की है. जब इसका विरोध राजद कार्यकर्ताओं के द्वारा किया गया तो उन्हें डराया धमकाया गया और उनसे मारपीट भी की गई. इस पूरे मामले पर 13 मई को एफआईआर दर्ज की गई थी. मामला सामने आने के बाद राजद ने इसे गंभीरता से लिया और इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की. लेकिन इस पर चुनाव आयोग की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने कोर्ट का रुख किया. सुनीता देवी ने याचिका दाखिल कर जिला निर्वाचन अधिकारी को सभी प्रशासनिक जिम्मेदारियां से हटाने का निर्देश देते हुए मुंगेर के 45 बूथों पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को सुनिश्चित करने का निर्देश चुनाव आयोग को देने की मांग की है.