बिहार में 2 अक्टूबर को जारी हुए जातीय गणना को अब एक महीना पूरा हो गया है. राज्य में जारी हुई जातीय जनगणना के बाद से ही लगातार इसके खिलाफ प्रदर्शन होता रहा है.
राज्य में विपक्षी दल ने भी जातीय गणना को फर्जी बताते हुए गठबंधन की सरकार पर हमला बोला था. वही जारी किए गए रिपोर्ट में कई जातियों ने भी अपने आंकड़ों को कम और फर्जी बताया है.
बढ़ई समाज 3 प्रतिशत से ज्यादा
जातीय गणना के आंकड़ों के खिलाफ शुक्रवार को बढ़ई विश्वकर्मा समाज के लोगों ने पटना में पैदल मार्च किया है. बढ़ई विश्वकर्मा समाज के लोगों ने कहा है कि आंकड़ों में उनके साथ धोखा किया गया है. कोई भी अधिकारी उनके पास गणना के लिए नहीं आया था यह बस अपने मन से बनाया गया है. बढ़ई समाज के लोगों ने अपना शांतिपूर्ण मार्च राजद कार्यालय के बाहर ख़त्म किया. यहां उन्होंने अपने जाति के आकड़ों को सही करने की मांग रखी है.
जातीय गणना के आंकड़ों के अनुसार बढ़ई समाज की संख्या राज्य में है 18 लाख 95 हजार 672 है, जो राज्य में 1.45 प्रतिशत है. जबकि बढ़ई समाज के लोगों ने कहा है कि उनकी संख्या राज्य में 3 प्रतिशत से ज्यादा है.