बिहार विधानसभा को नया और 19वां उपाध्यक्ष शुक्रवार को मिल गया है. नए उपाध्यक्ष के तौर पर जदयू के वरिष्ठ विधायक नरेंद्र नारायण यादव निर्विरोध चुने गए हैं.
बुधवार को महेश्वर हजारी के त्यागपत्र के बाद गुरुवार को नरेंद्र नारायण ने विधानसभा के नए उपाध्यक्ष के लिए नामांकन भरा था. गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में नारायण ने उपाध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल किया था. नारायण के नामांकन के बाद विपक्ष की ओर से इस पद के लिए किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन नहीं भरा. ऐसे में नरेंद्र नारायण का निर्विरोध उपाध्यक्ष चुनाव हुआ है.
नरेंद्र नारायण के उपाध्यक्ष बनने पर नीतीश कुमार ने दी बधाई
नरेंद्र नारायण के चुनाव के बाद उन्होंने सदन में इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया. नए उपाध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व और मार्गदर्शन में आज यहां पहुंचे हैं. इसी के साथ नारायण ने डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी का भी आभार जताया और विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी के प्रति भी आभार व्यक्त किया.
उपाध्यक्ष चुने जाने के बाद नारायण ने एक पंक्ति सुनाते हुए कहा कि पंच ना किसी के दोस्त होता है और ना किसी का दुश्मन होता है. पंच के मुंह से जो वाणी निकलती है, वह खुदा के मुंह से निकली वाणी होती है. मैं इस आसन पर रहकर पक्ष और विपक्ष की बातों को सुनकर, दोनों के को साथ लेकर सदन की कार्रवाई को बढ़ाने का काम करूंगा.
आगे नारायण ने संत कबीर की भी एक पंक्ति को सदन में सुनाया "ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय औरन को शीतल करे आप हू शीतल होए". नारायण ने सदन की कार्रवाई में सार्थक बहस करने की बात कही, ताकि जनता की समस्या को उठाया जा सके और सरकार उसका निराकरण कर सके.
मालूम हो कि 71 वर्षीय नरेंद्र नारायण मिथिला इलाके के कोसी प्रमंडल से आने वाले हैं. वह मधेपुरा के आलमनगर विधानसभा के जदयू विधायक है. नरेंद्र नारायण यादव ने बिहार सरकार में पंचायती राज में मंत्री का पदभार संभाला है. इसके साथ ही वह 2005 से 2015 तक विभिन्न विभागों में कैबिनेट मंत्री के तौर पर भी रहे हैं.