2 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाकपा की रैली में इंडिया गठबंधन पर बयान दिया था. नीतीश कुमार ने रैली में कहा था कि कांग्रेस को इंडिया गठबंधन की कोई चिंता नहीं है वह बस चुनावी रैलियां में व्यस्त है. नीतीश कुमार का ये दर्द रैली में छलकने के बाद से ही विपक्षी पार्टी राज्य में हावी हो गई है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा है कि इंडिया गठबंधन का ना कोई भूत, वर्तमान और भविष्य नहीं है. आखिरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह स्वीकार कर ही लिया. नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा जो गठबंधन बनाया गया था, उसका कोई भविष्य नहीं है. कांग्रेस नीतीश कुमार को भाव नहीं दे रही है.
इंडिया गठबंधन गले की हड्डी
नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने का मुंगेरीलाल का हसीन सपना अब चूर-चूर हो गया है.
सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि कांग्रेस से सिर्फ पांच राज्य के चुनाव पर ध्यान दे रही है. अखिलेश यादव और उमर अब्दुल्ला ने भी इंडिया गठबंधन से किनारा काटने का संदेश सुना दिया है. इंडिया गठबंधन गले की हड्डी थी जिसका फुट जाना तय था. इस गठबंधन में कोई नैतिकता नहीं थी, ना ही कोई नीति और ना ही कोई नेतृत्व था.